शम्मी (Shammi)

Shami Plant Flower Leaf Importance of Puja lord shiva and shanidev  favourite flower | Shami Plant: शमी के फूल, पत्तियां और पौधे का महत्व जानते  हैं आप? नहीं तो जानें कैसे करें

 

विषय जानकारी
पौधे का नाम शम्मी (Shammi)
वैज्ञानिक नाम Capparis decidua (या Caper)
परिवार (Family) Capparaceae
प्राकृतिक जलवायु शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्र; गर्म जलवायु में बढ़ता है
परिचय शम्मी एक छोटे आकार का फल है जो मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप और मध्य-पूर्व में पाया जाता है। यह कैपर्स (Capers) का पौधा है और इसके फल का उपयोग औषधीय रूप से किया जाता है।
उपयोग / लाभ • हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद • पाचन में मदद करता है • त्वचा और बालों के लिए अच्छा • एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन C से भरपूर
सिंचाई सूखी मिट्टी में कम पानी की आवश्यकता, गर्मी में थोड़ी सिंचाई करें
धूप 6–8 घंटे की सीधी धूप ज़रूरी
मिट्टी हल्की, बलुई या चटटानी मिट्टी जिसमें जल निकासी अच्छी हो
खाद और उर्वरक जैविक खाद जैसे गोबर खाद या वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करें
रोग और कीट नियंत्रण • बीमारियों से बचाव के लिए हल्की जैविक छिड़काव करें
फसल का समय शम्मी पौधों से फल की प्राप्ति 2-3 साल बाद शुरू होती है
उत्पादन क्षमता प्रति पौधा 20-40 फल प्रति वर्ष (उम्र और देखभाल पर निर्भर)
बाजार में मांग शम्मी का उपयोग औषधीय, सलाद और मसाले के रूप में होता है, इसलिए इसका मांग अधिक है।
बिक्री सुझाव • स्थानीय मंडियों या हर्बल उत्पाद विक्रेताओं से संपर्क करें • ऑनलाइन बिक्री प्लेटफार्म पर प्रोडक्ट लिस्ट करें
रोपण का समय वसंत ऋतु (फरवरी से अप्रैल)
अन्य जानकारी • शम्मी के फल को पका कर या सूखा कर खाया जा सकता है • इसकी जड़ें भी औषधीय रूप से उपयोगी होती हैं
उपलब्धता Organic Hariyali Nursery
संपर्क नंबर 📞 +91 77000 74796
वेबसाइट लिंक 🌐 https://organicharyalinursery.in

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