| पौधे का नाम |
कड़ी पत्ता (Curry Leaf) |
| वैज्ञानिक नाम |
Murraya koenigii |
| परिवार |
Rutaceae (रूटेसिया परिवार) |
| प्राकृतिक क्षेत्र |
भारत, श्रीलंका, और दक्षिण एशिया |
| प्रकार |
सदाबहार झाड़ी (Evergreen Shrub) |
| ऊंचाई |
2-3 मीटर |
| पत्तियाँ |
हल्की, हरी, और तीव्र खुशबू वाली |
| फूल |
छोटे, सफेद, और सुगंधित होते हैं |
| धूप की आवश्यकता |
पूर्ण सूर्य या आंशिक धूप |
| मिट्टी |
हल्की, रेतीली, उपजाऊ मिट्टी |
| सिंचाई |
नियमित सिंचाई, लेकिन जलभराव से बचें |
| खाद और उर्वरक |
जैविक खाद और संतुलित NPK उर्वरक |
| प्रयोजन |
औषधीय, भोजन, और सजावटी |
| खुशबू |
तीव्र और ताजगी से भरपूर |
| विशेषता |
इसके पत्ते भारतीय रसोई में मसाले के रूप में उपयोग किए जाते हैं और यह औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। |
| धार्मिक महत्व |
हिंदू धर्म में कड़ी पत्ता का उपयोग पूजा और तंत्र-मंत्र में किया जाता है। |
| औषधीय उपयोग |
1. कड़ी पत्ता का उपयोग रक्त शर्करा नियंत्रण, पाचन और हृदय स्वास्थ्य में मदद के लिए किया जाता है। |
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2. बालों की सेहत के लिए भी कड़ी पत्ते का सेवन किया जाता है। |
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3. कड़ी पत्ते का उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं, जैसे कि गैस, कब्ज, और उल्टी के इलाज में भी होता है। |
| बीज |
इसके बीज छोटे होते हैं, जिन्हें नए पौधे उगाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। |
| कीट और रोग |
कड़ी पत्ता पौधे को कीटों से कोई बड़ी समस्या नहीं होती, लेकिन यह पत्तियों के पीले होने और गिरने जैसी समस्याओं से प्रभावित हो सकता है। |
| सजावट में उपयोग |
कड़ी पत्ते के पौधे को बगीचों और आंगनों में सजावट के रूप में उगाया जाता है। |
| पौधे की जीवनकाल |
यह पौधा लंबी उम्र तक जीवित रहता है और यदि अच्छी देखभाल की जाए तो कई वर्षों तक पत्तियां प्राप्त की जा सकती हैं। |
| सर्दी में देखभाल |
सर्दियों में पौधे को ज्यादा पानी न दें और इसे ठंडे स्थान से बचाएं। |