| पौधे का नाम |
सिंदूर पौधा (Vermilion Plant) |
| वैज्ञानिक नाम |
Sphaeranthus indicus |
| परिवार |
Asteraceae (ऐस्टेरसिया परिवार) |
| प्राकृतिक क्षेत्र |
भारत, श्रीलंका, और अफ्रीका में पाया जाता है। |
| प्रकार |
छोटा पौधा (Herb) |
| ऊंचाई |
30-90 सेंटीमीटर (1-3 फीट) |
| पत्तियाँ |
लांसोलेट, हरी और मखमली जैसी होती हैं |
| फूल |
छोटे, गुलाबी, बैंगनी या सफेद रंग के फूल, जो गोल आकार में होते हैं |
| धूप की आवश्यकता |
पूर्ण सूर्य या आंशिक धूप |
| मिट्टी |
अच्छी जल निकासी वाली रेतीली मिट्टी |
| सिंचाई |
नियमित सिंचाई, लेकिन जलभराव से बचाएं |
| खाद और उर्वरक |
जैविक खाद और संतुलित NPK उर्वरक |
| प्रयोजन |
औषधीय, सजावटी, और धार्मिक उपयोग |
| खुशबू |
हल्की, लेकिन ताजगी से भरपूर |
| विशेषता |
इसका फूल सिंदूरी रंग में होता है, जो हिंदू पूजा और धार्मिक कार्यों में प्रमुख होता है। |
| धार्मिक महत्व |
हिंदू धर्म में विशेष रूप से पूजा में सिंदूर का उपयोग होता है, इसे सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। |
| औषधीय उपयोग |
1. पारंपरिक चिकित्सा में इसका उपयोग बुखार, सूजन, और हृदय संबंधी समस्याओं के इलाज में किया जाता है। |
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2. जड़ी-बूटी का उपयोग त्वचा संबंधी समस्याओं, जैसे कि मच्छरों के काटने, जलन, आदि के इलाज में भी किया जाता है। |
| बीज |
इसके छोटे बीज होते हैं, जिन्हें नए पौधे उगाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। |
| कीट और रोग |
इस पौधे को अधिकतर कीटों से कोई समस्या नहीं होती, लेकिन इसे फंगस और बैक्टीरियल संक्रमण से बचाना जरूरी होता है। |
| सजावट में उपयोग |
यह पौधा बगीचों और आंगनों में सजावट के लिए बहुत उपयुक्त है, इसके सुंदर फूल इसे एक आकर्षक पौधा बनाते हैं। |
| पौधे की जीवनकाल |
सिंदूर पौधा सालों तक जीवित रहता है, यदि अच्छी देखभाल की जाए तो यह कई वर्षों तक फूलता रहता है। |
| सर्दी में देखभाल |
सर्दी में यह पौधा कम पानी की आवश्यकता होती है, और ज्यादा ठंड से बचाने के लिए इसे ठंडे स्थान पर रखें। |