पारिजात/हरसिंगार

Exotic Parijat (Harshringar) बीज - होम गार्डन के लिए सुंदर सुगंधित फूल - तेजी से अंकुरित और आसानी से बढ़ने वाली किस्म : Amazon.in: बाग-बगीचा और आउटडोर

🔷 विषय 🔶 जानकारी
पौधे का नाम पारिजात/हरसिंगार (Harshingar)
वैज्ञानिक नाम Nyctanthes arbor-tristis
परिवार Oleaceae (जैस्मीन परिवार)
प्राकृतिक क्षेत्र भारत, दक्षिण एशिया
प्रकार सदाबहार झाड़ी या छोटा वृक्ष
ऊंचाई 2-6 मीटर
पत्तियाँ हरी, अंडाकार, मोटे और तेज नोक वाले
फूल सफेद रंग के, नारंगी बीच वाला, शाम को खिलने वाला, सुबह झड़ने वाला
धूप की आवश्यकता पूर्ण या आंशिक धूप
मिट्टी दोमट, उपजाऊ मिट्टी, अच्छी जल निकासी वाली
सिंचाई नियमित लेकिन जलभराव से बचाएं
खाद और उर्वरक जैविक खाद और संतुलित NPK उर्वरक
प्रयोजन सजावटी पौधा, धार्मिक उपयोग, औषधीय गुण
फूलों की खुशबू मधुर और मनमोहक
विशेषता शाम को फूल खिलते हैं और सुबह झड़ जाते हैं, इसलिए इसे “रात्रि चमेली” भी कहा जाता है
धार्मिक महत्व हिंदू धर्म में विशेष पूजा में उपयोग होता है
रासायनिक गुण इसमें औषधीय गुण होते हैं, जैसे कि सूजन कम करना, बुखार को कम करना
औषधीय उपयोग पारिजात के फूलों और पत्तियों का उपयोग आयुर्वेद में होता है, खासकर बुखार, शरीर दर्द, और त्वचा समस्याओं के उपचार में
जड़ों का उपयोग जड़ों का प्रयोग काढ़ा बनाने में किया जाता है जो शरीर में ठंडक पहुँचाता है
बीज बीज छोटे और अंडाकार होते हैं, इन्हें बुवाई से नए पौधे लगाए जा सकते हैं
पौधे की जीवनकाल यह पौधा सालों तक जीवित रहता है, और अपने जीवनकाल में कई बार फूलता है
पत्तियों का उपयोग पत्तियों का प्रयोग त्वचा की समस्याओं और सिरदर्द के इलाज के लिए किया जाता है
फूलों का समय यह पौधा गर्मियों और मानसून के दौरान फूलता है, खासकर बारिश के मौसम में
कीट और रोग पारिजात को कुछ कीट, जैसे कि दीमक और एफिड्स से नुकसान हो सकता है, इसलिए नियमित रूप से निरीक्षण करें
सर्दी के मौसम में देखभाल ठंडे मौसम में पानी कम दें और पौधे को ठंड से बचाने के लिए ढक कर रखें
सजावट में उपयोग यह पौधा गार्डन, घरों और मंदिरों में सजावट के लिए बहुत लोकप्रिय है, इसके सुंदर फूल आकर्षण बढ़ाते हैं
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