| पौधे का नाम | कचनार (Kachnar) | 
| वैज्ञानिक नाम | Bauhinia variegata | 
| परिवार (Family) | Fabaceae (लेग्यूम परिवार) | 
| प्राकृतिक जलवायु | उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्र; गर्म जलवायु में उगता है | 
| परिचय | कचनार एक सुंदर और खुशबूदार वृक्ष है जो अपनी रंगीन फूलों के लिए प्रसिद्ध है। इसके फूलों का रंग बैंगनी, गुलाबी या सफेद हो सकता है। यह पौधा विशेष रूप से आयुर्वेद में उपयोगी है और औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसे ‘पिंगल’ और ‘गुलाब की छांव’ भी कहा जाता है। | 
| उपयोग / लाभ | • पाचन क्रिया को सुधारने में सहायक • मधुमेह और हृदय रोगों के लिए फायदेमंद • त्वचा के रोगों के लिए उपचारक • आयुर्वेद में औषधीय रूप से उपयोगी (पत्तियों, फूलों और छाल का उपयोग) | 
| सिंचाई | सप्ताह में 1-2 बार पानी दें, लेकिन अत्यधिक पानी से बचें | 
| धूप | 6–8 घंटे की सीधी धूप ज़रूरी | 
| मिट्टी | दोमट, बलुई और जल निकासी वाली मिट्टी | 
| खाद और उर्वरक | जैविक खाद और वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करें | 
| रोग और कीट नियंत्रण | • एफिड्स और सफेद मक्खी से बचाव के लिए जैविक कीटनाशक का उपयोग करें | 
| फसल का समय | फूलों की उपस्थिति – गर्मियों में होती है | 
| उत्पादन क्षमता | कचनार के वृक्ष में फूलों की अधिकता होती है, यह वृक्ष हर साल प्रचुर मात्रा में फूल देता है | 
| बाजार में मांग | कचनार का उपयोग आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है, साथ ही इसके फूलों और छाल की मांग भी अधिक है। | 
| बिक्री सुझाव | • आयुर्वेदिक स्टोर या हर्बल चेन से संपर्क करें • ऑनलाइन ऑर्डर और होम डिलीवरी सेवा जोड़ें | 
| रोपण का समय | वसंत ऋतु (फरवरी से अप्रैल) | 
| अन्य जानकारी | • कचनार के फूलों का रंग बैंगनी, गुलाबी या सफेद हो सकता है। • इसका प्रयोग औषधीय रूप में बहुत प्राचीन काल से किया जा रहा है। | 
| उपलब्धता | Organic Hariyali Nursery | 
| संपर्क नंबर | 📞 +91 77000 74796 | 
| वेबसाइट लिंक | 🌐 https://organicharyalinursery.in |